BA Semester-2 Ancient Indian History and Culture - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2723
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 प्राचीन भारतीय इतिहात एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।

अथवा
गुप्तकालीन कला (स्थापत्य) पर प्रकाश डालिए।

उत्तर-

गुप्त युग से साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई। गुप्त साम्राज्य की स्थापना के साथ ही संस्कृत भाषा की उन्नति को बल मिला तथा यह राजभषा के पद पर आसीन हुई। गुप्त शासक स्वयं संस्कृत भाषा और साहित्य के प्रेमी थे तथा उन्होंने योग्य कवियों, लेखकों एवं साहित्यकारों को राज्याश्रय प्रदान किया था। प्रयाग प्रशस्ति समुद्रगुप्त को 'कविराज' कहती है। चन्द्रगुप्त द्वितीय भी बड़ा विद्वान एवं साहित्यानुरागी था जिसकी राजसभा नवरत्नों से अलंकृत थी।

गुप्तयुगीन कवियों में सबसे पहला उल्लेख हरिषेण का था जो समुद्रगुप्त का सेनापति एवं विदेश सचिव था। उसकी सुप्रसिद्ध कृति 'प्रयाग प्रशस्ति' है जिसे काव्य कहा गया है। इसका आधा भाग पद्य में है तथा आधा भाग गद्य में है और इस प्रकार यह विशुद्ध संस्कृत में लिखा चम्पू शैली का अद्वितीय उदाहरण है। दूसरा वीरसेन राव था जो चन्द्रगुप्त द्वितीय का युद्ध सचिव था। उसकी रचना उदयगिरि गुहालेख है जिसमें उसे अर्थ शब्द, न्याय, व्याकरण आदि का मर्मज्ञ कवि एवं पाटलिपुत्र का निवासी कहा कहा गया है। तीसरा वत्सभट्टिय कुमारगुप्त प्रथम का दरबारी कवि था। वह संस्कृत का प्रकाण्ड विद्वान था जिसने मन्दसौर प्रशस्ति की रचना की थी। चौथा महान कवि कालिदास था, जिसने सात महान ग्रन्थ लिखे। यह हैं- रघुवंश, कुमारसम्भव, मेघदूत, ऋतुसंहार, मालविकाग्निमित्र, विक्रमोर्वशीयं तथा अभिज्ञानशाकुन्तलम्। इसमें प्रथम दो महाकाव्य, दो खण्डकाव्य (गीतिकाव्य) तथा तीन नाटक ग्रन्थ हैं। रघुवंश 19 सर्गों का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है, जिसमें राम के पूर्वजों का वर्णन, उसका गुणगान तथा उनके वंशजों का वर्णन है। कुमारसंभव में 17 सर्ग हैं, जिनमें प्रकृति चित्रण तथा कार्तिकेय जन्म की कथा वर्णित है। ऋतुसंहार में ऋतु वर्णन तथा मेघदूत में विरही यक्ष एवं उसकी प्रियतमा का वियोग वर्णन चित्रित है। यह विरह की सर्वोत्कृष्ट कृति है। मालविकाग्निमित्रम् पाँच अंकों का नाटक है जिसमें मालविका और अग्निमित्र की प्रणय. कथा वर्णित है। विक्रमोर्वशीयं में उर्वशी तथा पुरुरवा की प्रणय कथा वर्णित है। अभिज्ञानशाकुन्तलम् सम्पूर्ण संस्कृत साहित्य का सर्वोत्कृष्ट नाटक है, जिसे विश्व की अनेकों भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है।

कालिदास के अतिरिक्त गुप्तकाल की कुछ अन्य साहित्यिक विभूतियाँ हैं भारवि शूद्रक एवं विशाखदत्त। भारवि ने 18 सर्गों का 'किरातार्जुनीय' महाकाव्य लिखा। वे अपने अर्थगौरव के लिए प्रसिद्ध हैं। शूद्रक ने मृच्छकटिकम् नाटक लिखा, जिसमें कुल 10 अंक हैं। इसमें चारुदत्त नामक निर्धन ब्राह्मण तथा वसन्तसेना नामक वेश्या की प्रणय कथा वर्णित है। विशाखदत्त ने मुद्राराक्षस एवं देवीचन्द्रगुप्तम् नामक नाटक ग्रन्थों की रचना की। कुछ विद्वान वासवदत्ता के लेखक सुबन्धु को भी गुप्तकालीन मानते हैं। धार्मिक ग्रन्थों मे याज्ञवल्क्य, नारद, कात्यायन, सुबन्धु ब्रहस्पति आदि की स्मृतियों का उल्लेख किया जा सकता है। गुप्तकाल में भी पुराणों के वर्तमान रूप का संकलन हुआ तथा रामायण और महाभारत को भी अन्तिम रूप प्रदान किया गया। कामन्दक का नीतिसार तथा वात्स्यायन का कामसूत्र इसी काल की रचनाएँ हैं। इसके अतिरिक्त गुप्तकाल में अनेक जैन तथा बौद्ध विद्वान हुए जिन्होंने अपनी कृतियों से साहित्य को सजाया।

गुप्तकालीन कला की उपलब्धियाँ

संस्कृति के विविध क्षेत्रों के साथ ही कला के क्षेत्र में भी गुप्त युग की उपलब्धियाँ भारतीय इतिहास के पृष्ठों में अत्यन्त विशेष हैं। इस युग में सम्पूर्ण उत्तर भारत में एक अद्भुत कलात्मक क्रियाशीलता दिखाई देती है। कला की विविध विधाओं, जैसे वास्तु, स्थापत्य, चित्रकला आदि का इस युग में सम्यक् विकास हुआ, धर्म एवं कला का समन्वय स्थापित हुआ तथा कला से विदेशी प्रभाव क्रमशः समाप्त हो गया।

1. वास्तुकला - वास्तुकला के उदाहरण निम्नलिखित है-

(i) मन्दिर निर्माण कला - गुप्तकालीन वास्तुकला के सर्वोत्कृष्ट उदाहरण मन्दिर हैं। वस्तुतः मन्दिर के अवशेष हमें सर्वप्रथम इसी काल से मिलने लगते हैं। गुप्तकालीन मन्दिरों का निर्माण सामान्यतः एक ऊँचे चबूतरे पर हुआ था, जिन पर चढ़ने के लिए चारों ओर सीढ़ियाँ बनाई गई थीं। प्रारम्भिक मन्दिरों की छतें चपटी होती थीं किन्तु आगे चलकर शिखर बनाये जाने लगे। मन्दिर के भीतर एक चौकोर अथवा वर्गाकार कक्ष बनाया जाता था जिसमें मूर्ति रखी जाती थी, जिसे गर्भगृह कहा जाता था। यह तीन ओर से दीवारों से घिरा होता था और एक ओर प्रवेशद्वार होता था। पहले गर्भगृह की दीवारें सादी थीं, जिन्हें बाद में मूर्तियों तथा अन्य अलंकरणों से सजाया गया था। प्रवेशद्वार पर मकरवाहिनी गंगा और कूर्मवाहिनी यमुना के चित्र प्राप्त होते हैं। इसके अतिरिक्त हंस- मिथुन, स्वास्तिक, श्रीवृक्ष, मंगल कलश, शंख, पदम् आदि पवित्र मांगलिक चिह्नों एवं प्रतीकों का भी अंकन किया जाता था। पहले गर्भगृह के सामने एक स्तम्भयुक्त मण्डप बनाया जाता था किन्तु बाद में इसे गर्भगृह के चारों ओर बनाया जाने लगा था। गुप्तकालीन प्रमुख मन्दिर - साँची का मन्दिर, तिगवाँ का विष्णु मन्दिर, एरण का विष्णु मन्दिर, कुठार का मन्दिर, भूमरा का शिव मन्दिर, देवगढ़ का दाशावतार मन्दिर और भीतरगाँव का मन्दिर है।

(ii) स्तूप तथा गुहा स्थापत्य कला - मन्दिरों के अतिरिक्त दो बौद्ध स्तूपों सारनाथ का "घमेख स्तूप" तथा राजगृह स्थित "जरासंध की बैठक" का निर्माण गुप्त सम्राटों के काल में ही हुआ माना जाता है। गुहा स्थापत्य का भी विकास गुप्त युग में हुआ। ये दो प्रकार की थीं- ब्राह्मण तथा बौद्ध।

2. मूर्तिकला - वास्तुकला के ही समान मूर्तिकला का भी इस युग में सम्यक् विकास हुआ। गुप्तकाल की अधिकतर मूर्तियाँ हिन्दू देवी-देवताओं से सम्बन्धित हैं। कुछ बुद्ध मूर्तियाँ भी प्राप्त हुई हैं। गुप्तयुगीन मूर्तिकारों ने कुषाणकालीन नग्नता तथा पूर्व मध्यकालीन प्रतीकात्मक सूक्ष्मता के बीच संतुलित समन्वय स्थापित करने में सफलता प्राप्त की। यही कारण है कि गुप्त मूर्तियों में अद्योपान्त आध्यात्मिकता, भद्रता एवं शालीनता दृष्टिगोचर होती है। यहाँ तक कि इस समय की बुद्ध मूर्तियाँ भी गन्धार शैली के प्रभाव से बिल्कुल अछूती हैं। कुषाण मूर्तियों के विपरीत उनका प्रभामण्डल अलंकृत है।

इस प्रकार साहित्य, कला तथा स्थापत्य के क्षेत्र में गुप्तकाल की उपलब्धियाँ वस्तुतः बेजोड़ हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास को समझने हेतु उपयोगी स्रोतों का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास को जानने में विदेशी यात्रियों / लेखकों के विवरण की क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्राचीन भारत के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की सुस्पष्ट जानकारी दीजिये।
  4. प्रश्न- प्राचीन भारतीय इतिहास के विषय में आप क्या जानते हैं?
  5. प्रश्न- भास की कृति "स्वप्नवासवदत्ता" पर एक लेख लिखिए।
  6. प्रश्न- 'फाह्यान' पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  7. प्रश्न- दारा प्रथम तथा उसके तीन महत्वपूर्ण अभिलेख के विषय में बताइए।
  8. प्रश्न- आपके विषय का पूरा नाम क्या है? आपके इस प्रश्नपत्र का क्या नाम है?
  9. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - प्राचीन इतिहास अध्ययन के स्रोत
  10. उत्तरमाला
  11. प्रश्न- बिम्बिसार के समय से नन्द वंश के काल तक मगध की शक्ति के विकास का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- नन्द कौन थे महापद्मनन्द के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  13. प्रश्न- छठी सदी ईसा पूर्व में गणराज्यों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  14. प्रश्न- छठी शताब्दी ई. पू. में महाजनपदीय एवं गणराज्यों की शासन प्रणाली के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- बिम्बिसार की राज्यनीति का वर्णन कीजिए तथा परिचय दीजिए।
  16. प्रश्न- उदयिन के जीवन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- नन्द साम्राज्य की विशालता का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- धननंद और कौटिल्य के सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धननंद के विषय में आप क्या जानते हैं?
  20. प्रश्न- मगध की भौगोलिक सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- गणराज्य किसे कहते हैं?
  22. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - महाजनपद एवं गणतन्त्र का विकास
  23. उत्तरमाला
  24. प्रश्न- मौर्य कौन थे? इस वंश के इतिहास जानने के स्रोतों का उल्लेख कीजिए तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
  25. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में आप क्या जानते हैं? उसकी उपलब्धियों और शासन व्यवस्था पर निबन्ध लिखिए|
  26. प्रश्न- सम्राट बिन्दुसार का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  27. प्रश्न- कौटिल्य और मेगस्थनीज के विषय में आप क्या जानते हैं?
  28. प्रश्न- मौर्यकाल में सम्राटों के साम्राज्य विस्तार की सीमाओं को स्पष्ट कीजिए।
  29. प्रश्न- सम्राट के धम्म के विशिष्ट तत्वों का निरूपण कीजिए।
  30. प्रश्न- भारतीय इतिहास में अशोक एक महान सम्राट कहलाता है। यह कथन कहाँ तक सत्य है? प्रकाश डालिए।
  31. प्रश्न- मौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- मौर्य वंश के पतन के लिए अशोक कहाँ तक उत्तरदायी था?
  33. प्रश्न- चन्द्रगुप्त मौर्य के बचपन का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- अशोक ने धर्म प्रचार के क्या उपाय किये थे? स्पष्ट कीजिए।
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौर्य साम्राज्य
  36. उत्तरमाला
  37. प्रश्न- शुंग कौन थे? पुष्यमित्र का शासन प्रबन्ध लिखिये।
  38. प्रश्न- कण्व या कण्वायन वंश को स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- पुष्यमित्र शुंग की धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- पतंजलि कौन थे?
  41. प्रश्न- शुंग काल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  42. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - शुंग तथा कण्व वंश
  43. उत्तरमाला
  44. प्रश्न- सातवाहन युगीन दक्कन पर प्रकाश डालिए।
  45. प्रश्न- आन्ध्र-सातवाहन कौन थे? गौतमी पुत्र शातकर्णी के राज्य की घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
  46. प्रश्न- शक सातवाहन संघर्ष के विषय में बताइए।
  47. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख के माध्यम से रुद्रदामन के जीवन तथा व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- शकों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  49. प्रश्न- नहपान कौन था?
  50. प्रश्न- शक शासक रुद्रदामन के विषय में बताइए।
  51. प्रश्न- मिहिरभोज के विषय में बताइए।
  52. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - सातवाहन वंश
  53. उत्तरमाला
  54. प्रश्न- कलिंग नरेश खारवेल के इतिहास पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- कलिंगराज खारवेल की उपलब्धियों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  56. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - कलिंग नरेश खारवेल
  57. उत्तरमाला
  58. प्रश्न- हिन्द-यवन शक्ति के उत्थान एवं पतन का निरूपण कीजिए।
  59. प्रश्न- मिनेण्डर कौन था? उसकी विजयों तथा उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए।
  60. प्रश्न- एक विजेता के रूप में डेमेट्रियस की प्रमुख उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
  61. प्रश्न- हिन्द पहलवों के बारे में आप क्या जानते है? बताइए।
  62. प्रश्न- कुषाणों के भारत में शासन पर एक निबन्ध लिखिए।
  63. प्रश्न- कनिष्क के उत्तराधिकारियों का परिचय देते हुए यह बताइए कि कुषाण वंश के पतन के क्या कारण थे?
  64. प्रश्न- हिन्द-यवन स्वर्ण सिक्के पर प्रकाश डालिए।
  65. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - भारत में विदेशी आक्रमण
  66. उत्तरमाला
  67. प्रश्न- गुप्तों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं? विस्तृत विवेचन कीजिए।
  68. प्रश्न- काचगुप्त कौन थे? स्पष्ट कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रयाग प्रशस्ति के आधार पर समुद्रगुप्त की विजयों का उल्लेख कीजिए।
  70. प्रश्न- चन्द्रगुप्त (द्वितीय) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से लिखिए।
  71. प्रश्न- गुप्त शासन प्रणाली पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  72. प्रश्न- गुप्तकाल की साहित्यिक एवं कलात्मक उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- गुप्तों के पतन का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- गुप्तों के काल को प्राचीन भारत का 'स्वर्ण युग' क्यों कहते हैं? विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- रामगुप्त की ऐतिहासिकता पर विचार व्यक्त कीजिए।
  76. प्रश्न- गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के विषय में बताइए।
  77. प्रश्न- आर्यभट्ट कौन था? वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- स्कन्दगुप्त की उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  79. प्रश्न- राजा के रूप में स्कन्दगुप्त के महत्व की विवेचना कीजिए।
  80. प्रश्न- कुमारगुप्त पर संक्षेप में टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- कुमारगुप्त प्रथम की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- गुप्तकालीन भारत के सांस्कृतिक पुनरुत्थान पर प्रकाश डालिए।
  83. प्रश्न- कालिदास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- विशाखदत्त कौन था? वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- स्कन्दगुप्त कौन था?
  86. प्रश्न- जूनागढ़ अभिलेख से किस राजा के विषय में जानकारी मिलती है? उसके विषय में आप सूक्ष्म में बताइए।
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - गुप्त वंश
  88. उत्तरमाला
  89. प्रश्न- दक्षिण के वाकाटकों के उत्कर्ष का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  90. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वाकाटक वंश
  91. उत्तरमाला
  92. प्रश्न- हूण कौन थे? तोरमाण के जीवन तथा उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  93. प्रश्न- हूण आक्रमण के भारत पर क्या प्रभाव पड़े? स्पष्ट कीजिए।
  94. प्रश्न- गुप्त साम्राज्य पर हूणों के आक्रमण का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - हूण आक्रमण
  96. उत्तरमाला
  97. प्रश्न- हर्ष के समकालीन गौड़ नरेश शशांक के विषय में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  98. प्रश्न- हर्ष का समकालीन शासक शशांक के साथ क्या सम्बन्ध था? मूल्यांकन कीजिए।
  99. प्रश्न- हर्ष की सामरिक उपलब्धियों के परिप्रेक्ष्य में उसका मूल्यांकन कीजिए।
  100. प्रश्न- सम्राट के रूप में हर्ष का मूल्यांकन कीजिए।
  101. प्रश्न- हर्षवर्धन की सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन कीजिये?
  102. प्रश्न- हर्ष का मूल्यांकन पर टिप्पणी कीजिये।
  103. प्रश्न- हर्ष का धर्म पर टिप्पणी कीजिये।
  104. प्रश्न- पुलकेशिन द्वितीय पर टिप्पणी कीजिये।
  105. प्रश्न- ह्वेनसांग कौन था?
  106. प्रश्न- प्रभाकर वर्धन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  107. प्रश्न- गौड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  108. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - वर्धन वंश
  109. उत्तरमाला
  110. प्रश्न- मौखरी वंश की उत्पत्ति के विषय में बताते हुए इस वंश के प्रमुख शासकों का उल्लेख कीजिए।
  111. प्रश्न- मौखरी कौन थे? मौखरी राजाओं के जीवन तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  112. प्रश्न- मौखरी वंश का इतिहास जानने के साधनों का वर्णन कीजिए।
  113. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - मौखरी वंश
  114. उत्तरमाला
  115. प्रष्न- परवर्ती गुप्त शासकों का राजनैतिक इतिहास बताइये।
  116. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासकों के मौखरी शासकों से किस प्रकार के सम्बन्ध थे? स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- परवर्ती गुप्तों के इतिहास पर टिप्पणी लिखिए।
  118. प्रश्न- परवर्ती गुप्त शासक नरसिंहगुप्त 'बालादित्य' के विषय में बताइये।
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न - परवर्ती गुप्त शासक
  120. उत्तरमाला

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